What is political science ~ राजनीति विज्ञान क्या है ? ~ Ancient India

What is political science ~ राजनीति विज्ञान क्या है ?

राजनीति विज्ञान को सामान्यतः राज्य, सरकार, व्यक्ति के राजनीतिक व्यवहार तथा शक्ति के अध्ययन का शास्त्र कहा जाता है ।


राजनीति विज्ञान/राजनीति शास्त्र क्या है?

राजनीति (Politics) राजनीति शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के शब्द 'पोलिस' से हुई है, जिसका अर्थ है 'नगर राज्य' । इस प्रकार आरम्भ में यह शब्द यूनान के तत्कालीन नगर राज्यों की घटनाओं, क्रियाओं, व्यवहारों तथा समस्याओं के अध्ययन के लिए प्रयुक्त किया जाता था । कालांतर में जैसे-जैसे इन बड़े राज्यों का विकास हुआ वैसे-वैसे राजनीति संबंधी अध्ययन का भी विकास हुआ । इसी विकसित और विस्तृत अर्थ में अब राजनीति शास्त्र की परिभाषा, क्षेत्र एंव प्रकृति का अध्ययन किया जाता है ।

राजनीति विज्ञान की व्याख्या/परिभाषाएं

राजनीति विज्ञान के अर्थ व परिभाषा को मुख्य रूप से दो दृष्टिकोणों में विभाजित किया गया है-
  1. परंपरागत दृष्टिकोण
  2. आधुनिक दृष्टिकोण
परंपरागत दृष्टिकोण के अंतर्गत राजनीति विज्ञान की जो व्याख्या की गई है उसे निम्न शीर्षकों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है-
राज्य के अध्ययन के रूप में- अनेकों विद्वानों ने राजनीति विज्ञान को राज्य के ज्ञान व अध्ययन के रूप में परिभाषित किया है । उनके अनुसार राजनीति विज्ञान राज्य के समस्त संबंधों, उसकी उत्पत्ति, उसके उद्देश्यों आदि का अध्ययन करता है ।
सरकार के अध्ययन के रूप में- कुछ विद्वान राजनीति विज्ञान को सरकार के अध्ययन के रूप में स्वीकार करते हैं । उनके अनुसार जिस प्रकार जीव विज्ञान जीवों व अर्थशास्त्र धन से संबंधित तत्त्वों का पता लगाता है उसी प्रकार राजनीति विज्ञान सरकार से संबंधित तत्त्वों का अध्ययन करता है ।
राज्य व सरकार दोनों के अध्ययन के रूप में- वर्तमान में अनेकों विद्वानों का मानना है की राजनीति शास्त्र में राज्य व सरकार दोनों का अध्ययन किया जाता है । उनके अनुसार राज्य के बिना न तो सरकार की कल्पना की जा सकती है और न ही सरकार के बिना राज्य की । इसलिए राज्य व सरकार दोनों राजनीति विज्ञान के अध्ययन के विषय हैं ।
व्यक्ति के अध्ययन के रूप में- कुछ परंपरागत दृष्टिकोण वाले विद्वानों का मानना है कि राजनीति विज्ञान राज्य व सरकार के साथ-साथ व्यक्ति का भी अध्ययन करता है । क्योंकि व्यक्ति राज्य व सरकार के मध्य की कड़ी है अतः व्यक्ति के अध्ययन के बिना दोनों का अध्ययन अपूर्ण है ।

आधुनिक दृष्टिकोण के अंतर्गत राजनीति विज्ञान की व्याख्या निम्न प्रकार से है-
शक्ति का अध्ययन- आधुनिक दृष्टिकोण रखने वाले विद्वानों के का मत है कि राजनीति विज्ञान शक्ति सम्बन्धों का अध्ययन करता है । उनके अनुसार राजनीति विज्ञान के अध्ययन के विषय समाज में शक्ति, उसके स्वरूप, आधार, क्षेत्र व परिणाम हैं ।
राजनीतिक व्यवस्था का अध्ययन- आमण्ड व ईस्टन आदि विद्वानों के अनुसार राजनीति शास्त्र सामाजिक व्यवस्था के अध्ययन का एक अभिन्न अंग है, जो समाज की विभिन्न प्रक्रियाओं का बोध कराता है । अतः राजनीति शास्त्र मनुष्य के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन करता है ।
निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन- हरबर्ट साइमन जैसे विद्वानों के अनुसार राजनीति विज्ञान में निर्णय निर्माण व निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है । गत वर्षों में राजनीति विज्ञान में नीति निर्धारण प्रक्रिया का विशेष अध्ययन होने लगा है ।
मानव क्रियाओं का अध्ययन- कुछ विद्वानों के अनुसार राजनीति विज्ञान मनुष्य के राजनीतिक संबंधों का अध्ययन करता है ।

राजनीति शास्त्र के अध्ययन का महत्व

मानव अधिकार एवं कर्तव्यों का ज्ञान- राजनीति शास्त्र के अध्ययन के आधार पर मानवीय अधिकारों का ज्ञान प्राप्त कर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर सकता है । राजनीति विज्ञान के अध्ययन से नागरिकों को अधिकारों के उपयोग की जानकारी मिलती है । राजनीति विज्ञान का अध्ययन हमें कर्तव्यों का भी बोध कराता है । कर्तव्यों का ज्ञान प्राप्त कर व्यक्ति समाज तथा राज्य की प्रगति में सहयोग दे सकता है ।

उत्तम प्रशासन कला का ज्ञान- राजनीति शास्त्र का अध्ययन विभिन्न राज्यों की शासन व्यवस्था का ज्ञान कराता है । इसके अध्ययन से प्रशासन को कुशल एवं जनहितकारी कैसे बनाया जाए, की कला आती है ।

राष्ट्रीय तथा संवैधानिक इतिहास का ज्ञान- राजनीति विज्ञान के अंतर्गत विभिन्न राष्ट्रों के राष्ट्रीय तथा संवैधानिक इतिहास का अध्ययन किया जाता है । इसके अध्ययन से विद्यार्थी अपने राष्ट्र के गौरव तथा असफलताओं का ज्ञान भी प्राप्त करता है, इससे उनमें राष्ट्रभक्ति एवं देश की स्वतंत्रता की रक्षा की भावना पैदा होती है ।

राजनीतिक चेतना का विकास- राजनीति विज्ञान के अध्ययन से नागरिकों में राजनीतिक चेतना आती है । राजनीतिक दृष्टि से जागरूक लोग कभी भी अपने शासकों को भ्रष्ट नहीं होने देते हैं ।

राज्य तथा सरकार का ज्ञान- राजनीति विज्ञान के अध्ययन से राज्य के संगठन, कार्य-क्षेत्र, उद्देश्य आदि का ज्ञान प्राप्त होता है, साथ ही सरकार के विभिन्न रूप, उनके गुण तथा दोषों का भी ज्ञान प्राप्त होता है । इसके अध्ययन से हमें राज्य और सरकार के संबंध के बारे में भी ज्ञान प्राप्त होता है ।

अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं का ज्ञान- राजनीति विज्ञान के अध्ययन से साम्राज्यवाद, पूंजीवाद, साम्यवाद, वैश्वीकरण, उदारीकरण आदि विचारधाराओं के गुण-दोषों का ज्ञान, संयुक्त राष्ट्र संघ के महत्व का ज्ञान तथा विश्व की विभिन्न समस्याओं का ज्ञान होता है ।

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