राजनीतिक दल के पास सत्ता होती है । राजनीतिक दल जनता के हितों के लिए योजनाओं व नियमों को लागू करते हैं । जबकि दबाव समूह वे होते हैं जो सरकार से अपने निजी हितों की पूर्ति की मांग करते हैं, अपने हितों की पूर्ति के लिए वह सरकार पर दबाव बनाते हैं ।
राजनीतिक दल एंव दबाव समूह में अंतर
निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर राजनीतिक दल एंव दबाव समूह में अंतर
सत्ता प्राप्ति के आधार पर अंतर- राजनीतिक दल राजनीति में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेते हैं । वे चुनावों के माध्यम से सत्ता प्राप्त करते हैं । सत्ता प्राप्त कर वे सार्वजनिक नीतियां निर्धारित कर उन्हें लागू करते हैं, जबकि दबाव समूह शासक नहीं बल्कि शासक निर्माता होते हैं । ये साझे हितों से संचालित ऐसे लोगों का संगठन होता है जो अपने हितों की प्राप्ति के लिये राजनीति को प्रभावित करते हैं।
सदस्यता के आधार पर अंतर- राजनीतिक दल में एक व्यक्ति केवल एक ही दल का सदस्य होता है, जबकि दबाव समूह के सदस्य कई समूह के सदस्य हो सकते हैं ।
कार्यविधि के आधार पर अंतर- चुनाव राजनीतिक दलों का सत्ता प्राप्त करने का माध्यम होता है जबकि दबाव समूह निर्वाचन के समय कोई घोषणा पत्र नहीं निकालते हैं और ना ही अपना उम्मीदवार खड़ा करते हैं ।
उद्देश्य के आधार पर अंतर- राजनीतिक दलों का उद्देश्य सामान्य एवं संपूर्ण समाज का हित साधना होता है जबकि दबाव समूह किसी एक अथवा कुछ हितों की पूर्ति का उद्देश्य रखते हैं ।
सरकारी कर्मचारियों का समूह, डॉक्टरों का समूह, किसान संघ व मजदूर संघ कुछ एक ऐसे समूह हैं जिन्हें दबाव समूह कहा जा सकता है। हड़ताल व बंद करके ये सरकार पर दबाव बनाते हैं । इस प्रकार ये राजनीति से बाहर होते हुए भी राजनीति को काफी प्रभावित करते हैं ।
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