Welfare state ~ लोक कल्याणकारी राज्य व उसके उद्देश्य ~ Ancient India

Welfare state ~ लोक कल्याणकारी राज्य व उसके उद्देश्य

एक लोक कल्याणकारी राज्य समाज में मौजूद सभी वर्गों के लोगों के आवश्यक हितों को पूरा करने का कार्य करता है । राज्य के नागरिकों के सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, मानसिक, बौद्धिक एवं नैतिक विकास में सहयोग देना, समाज में व्याप्त शोषण को पूरी तरह से समाप्त करना तथा मानव को कलात्मक एवं आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रोत्साहित करना आदि एक लोक-कल्याणकारी राज्य की विशेषताएँ हैं ।

लोक कल्याणकारी राज्य की परिभाषा

राजनीति विज्ञान के प्रमुख विद्वानों द्वारा दी गई लोक कल्याणकारी राज्य की परिभाषा-

  • प्रो. गार्नर:- एक लोक कल्याणकारी राज्य का लक्ष्य राष्ट्रीय जीवन, राष्ट्रीय धन, बौद्धिक तथा जीवन के भौतिक व नैतिक स्तर का परस्पर विकास करना है ।
  • कांट:- लोक कल्याणकारी राज्य वह है जो अपने नागरिकों के लिए पर्याप्त व उचित सामाजिक सुविधाओं की व्यवस्था करता है ।
  • डॉ.अब्राहम:- कल्याणकारी राज्य अपनी आर्थिक व्यवस्था का संचालन, आय के अधिकतम समान वितरण के उद्देश्य से करता है ।

लोक-कल्याणकारी राज्य (Welfare state) क्या है ?

लोक कल्याणकारी राज्य के प्रमुख कार्य

देश की आंतरिक सुरक्षा तथा विदेशी आक्रमण से रक्षा करना- लोक-कल्याणकारी राज्य आंतरिक सुरक्षा तथा विदेशी आक्रमणों से देश की रक्षा के कार्य को पूरा करने के लिए सेना व पुलिस की व्यवस्था करता है । राज्य सरकारी कर्मचारी रखता है व न्याय व्यवस्था की स्थापना करता है । इन सभी कार्यों में होने वाले व्यय को पूरा करने के लिए राज्य द्वारा नागरिकों पर कर लगाया जाता है ।

न्याय व्यवस्था की स्थापना करना- लोक-कल्याणकारी राज्य शांति व न्याय की स्थापना करता है । राज्य व्यक्तियों के पारस्परिक सम्बन्धों को नियंत्रित करने के लिए कानूनों का निर्माण करता है । राज्य पुलिस व न्यायालयों की सहायता से इन कानूनों का नागरिकों से पालन करवाया जाता है ।

आर्थिक सुरक्षा संबंधी कार्य करना- एक लोक कल्याणकारी राज्य अपने नागरिकों के लिए रोजगार की उचित व्यवस्था करता है । बेरोजगारी की स्थिति में राज्य द्वारा बेरोजगारी भत्ता तथा विकलांग व असमर्थ व्यक्तियों के लिए राज्य द्वारा जीवन निर्वाह भत्ते की व्यवस्था की जाती है । लोक-कल्याणकारी राज्य आय की समानता स्थापित करने पर विशेष बल देता है ताकि कोई भी व्यक्ति धन के आधार पर किसी दूसरे व्यक्ति का शोषण न करे ।

कृषि, उद्योग, व्यापार का नियमन और विकास करना- लोक-कल्याणकारी राज्य कृषि, उद्योग व व्यापार के नियमन एवं विकास का कार्य करता है । राज्य द्वारा मुद्रा निर्माण, प्रमाणिक माप-तौल की व्यवस्था की जाती है । इसके साथ ही राज्य,व्यवसायों का नियमन, कृषकों को राजकोषीय सहायता, बीज का वितरण, नहरों का निर्माण तथा कृषि सुधार संबंधी कार्यों को कार्यान्वित करता है । राज्य द्वारा जंगलों, वनस्पतियों व नदियों आदि प्राकृतिक संपत्ति व संसाधनों की सुरक्षा का कार्य किया जाता है ।

जनता के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना-लोक-कल्याणकारी राज्य द्वारा अपने नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए अनेकों कार्यक्रम चलाए जाते हैं तथा कई योजनाओं को क्रियान्वित किया जाता है । इन योजनाओं में राज्य द्वारा पर्याप्त भोजन, निवास, वस्त्र, स्वास्थ्य सुविधाओं व शिक्षा की उचित व्यवस्था की जाती है ।

समाज सुधार संबंधी कार्य करना- लोक-कल्याणकारी राज्य समाज कल्याण हेतु बाल-विवाह, छुआछूत, मद्यपान जैसी सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का प्रयत्न करता है ।

सार्वजनिक सुविधा संबंधी कार्य करना- लोक-कल्याणकारी राज्य अपने नागरिकों के लिए परिवहन, संचार साधन, सिंचाई के साधन, बैंक तथा विद्युत आदि सार्वजनिक सुविधाओं की व्यवस्था करता है ।

इसके अलावा एक लोक कल्याणकारी राज्य अपने नागरिकों के लिए मनोरंजन की सुविधाओं का प्रबंध करता है । ऐसा राज्य अपने नागरिकों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय शांति, सद्भाव तथा सहयोग के कार्य भी करता है ।


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