महाराण क्षेत्र सिंह/महाराणा खेता 1364 ई. में मेवाड़ के शासक बने । इनके पिता महाराणा हम्मीर सिंह थे ।
महाराणा क्षेत्र सिंह ने शासक बनते ही अपने आसपास के क्षेत्रों को जीतना शुरू कर दिया । उन्होंने जहाजपुर,मांडल (भीलवाड़ा), अजमेर, छप्पन के मैदानी क्षेत्रों(प्रतापगढ़ व बांसवाड़ा के बीच के क्षेत्र) व मंदसौर(मध्य प्रदेश) को जीतकर मेवाड़ के अधीन कर लिया । उन्होंने मालवा के मुस्लिम शासक दिलावर खान गौरी को पराजित कर मार डाला । यह पहली बार था जब मेवाड़ का मालवा के साथ प्रत्यक्ष युद्ध हुआ हो । इस युद्ध के साथ ही मेवाड़ व मालवा के मध्य संघर्षों का सूत्रपात हो गया ।
एकलिंगनाथ प्रशस्ति के अनुसार महाराणा क्षेत्र सिंह ने हाड़ौती के हाड़ा चौहान शासकों को दबाने का कार्य किया । 1382 ई. में बूंदी (हाड़ौती) के शासक लाल सिंह हाड़ा के साथ युद्ध में लाल सिंह सहित महाराणा क्षेत्र सिंह भी मारे गए ।
महाराणा क्षेत्र सिंह की खातिन जाती की एक दासी थी जिससे महाराणा क्षेत्र सिंह को दो पुत्र हुए थे जिनका नाम चाचा व मेरा था । चाचा व मेरा ने कालांतर में क्षेत्र सिंह के पौत्र महाराणा मोकल की हत्या कर दी थी । इस हत्या का कारण क्या था यह हम अगले भागों में जानेंगे ।
बहरहाल, 1382 ई. में महाराणा क्षेत्र सिंह की मृत्यु हो गई तथा इसके पश्चात उनका पुत्र लक्ष सिंह /महाराणा लाखा सिंह मेवाड़ का शासक बना ।
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मेवाड़ का इतिहास भाग-5
मेवाड़ का इतिहास भाग-7
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