पाकिस्तान ने अगस्त 1965 में भारतीय शासन में विद्रोह कराने व शासन को उखाड़ फेंकने की नीयत से भारत के विरुद्ध ऑपरेशन जिब्राल्टर शुरू किया । इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य भारतीय कश्मीर पर कब्जा करना था । ऐसा कहा जाता है कि पाकिस्तान ऑपरेशन जिब्राल्टर की प्लानिंग 1950 के आसपास से ही कर रहा था लेकिन वह इस ऑपरेशन को अंजाम तक ले जाने के लिए सही मौके की तलाश में था । इस ऑपरेशन के लिए पाकिस्तान के तत्कालीन विदेशी मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो का समर्थन प्राप्त था । इस ऑपरेशन के लिए पाकिस्तान ने 40000 सैनिकों को विशेष ट्रेनिंग दी थी जिनका मकसद 'घुसपैठ से हमला' करना था ।
इस घटना को अंजाम तब दिया गया जब कश्मीरी मुसलमानों ने शिकायत की कि कश्मीर में हजरत दरगाह में रखा पैगम्बर मोहम्मद का 'बाल' गायब हो गया है । बाल के गायब होने की खबर से भारतीय मुसलमानों में रोष था । पाकिस्तान ने इसी रोष का फायदा उठाया तथा इन कश्मीरी मुसलमानों को भारत के विरुद्ध भड़काने के लिये अपने 30000-40000 सैनिकों को सादा वेशभूषा में कश्मीर के लोगों के साथ रहने के लिए 5 अगस्त 1965 को कश्मीर की सीमा पार कराके भारत भेजा । हालांकि पाकिस्तान के अनुसार यह संख्या 5000-7000 के बीच थी ।
ये पाकिस्तानी सैनिक आम नागरिक बनकर कश्मीर में रहने लगे और भारत के खिलाफ जिहाद छेड़ने के लिए कश्मीरी मुसलमानों को भड़काने लगे । इस ऑपरेशन की कमांडिंग पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल अख्तर हुसैन रिजवी कर रहे थे । पाकिस्तान का मकसद इस ऑपरेशन के माध्यम से कश्मीर में अशांति फैलाकर उस पर कब्जा करना था । पाकिस्तान ने इससे पहले खुफिया जानकारी जुटाने तथा घुसपैठ के लिए सीमा की पहचान करने के लिए 'ऑपरेशन नुसरत' भी चलाया था । इसका उद्देश्य कश्मीर के चार ऊंचाई वाले इलाकों पीरपंजाल, गुलमर्ग, उरी तथा बारामूला पर कब्जा करना था ताकि यदि भारत के साथ लड़ाई भी छिड़ जाये तो पकिस्तानी सेना ऊपर से हमला कर आसानी से भारतीय सेना को परास्त कर सके ।
लेकिन पाकिस्तान द्वारा चलाया गया ऑपरेशन जिब्रालटर बुरी तरह विफल हो गया । क्योंकि कश्मीर की आम जनता ने खुद भारतीय सेना को सीमा पार से आये पंजाबी बोलने वाले सैनिकों की जानकारी दी थी । भारत सरकार ने पैरा स्पेशल फोर्स कमांडो को पाकिस्तानी घुसपैठियों को पकड़ने व मारने का आदेश दे दिया । भारत के जांबाज सिपाहियों ने बड़ी संख्या में पाकिस्तानी घुसपैठियों को पकड़ लिया । प्रत्युत्तर में भारतीय सेना ने 15 अगस्त 1965 को उस समय तक की तय भारत-पाकिस्तान सीमा को पार कर पाकिस्तान के विरुद्ध कार्यवाही शुरू कर दी। उधर पाकिस्तान ने सीमा पर भारी मात्रा में तोपों से बमबारी शुरू कर दी । इस प्रकार ऑपरेशन जिब्राल्टर की विफलता 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध का कारण बनी ।
जिब्रालटर स्पेन का एक छोटा सा टापू है । जब यूरोप जीतने के उद्देश्य अरबी सेना पश्चिम की ओर चली तो जिब्राल्टर में ही उनका पड़ाव था जिससे निकलकर उन्होंने पूरे स्पेन पर जीत दर्ज की थी । पाकिस्तान द्वारा इस मिल्ट्री ऑपरेशन का नाम जिब्राल्टर रखना यह दर्शाता है कि पाकिस्तान को ऐसा लगता था की यदि एक बार कश्मीर पर जीत दर्ज कर ली जाये तो उसके पश्चात् वह स्पेन की तरह पुरे भारत पर भी अधिकार कर लेगा ।
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