आंध्र सातवाहन वंश का इतिहास(Satavahana Dynasty) ~ Ancient India

आंध्र सातवाहन वंश का इतिहास(Satavahana Dynasty)

सातवाहन कौन थे ?

पुराणों में सातवाहन वंश के राजाओं के लिए आंध्र शब्द का प्रयोग किया गया है। गोदावरी और कृष्णा नदी के मध्य भाग में रहने वाले क्षेत्र को आन्ध्र कहा जाता है। इससे यह सिद्ध होता है कि सातवाहन लोग द्रविड़ थे। 
कुछ विद्वानों के अनुसार सातवाहन लोग मूलतया द्रविड़ नहीं थे किन्तु अधिकांश इतिहासकारों के अनुसार सातवाहन द्रविड़ थे।

डॉ. के. गोपालाचार्य ने उन्हें क्षत्रिय कहा है। किन्तु डॉ. हेमचन्द्र रायचौधरी ने उन्हें ब्राह्मण कहा है। 


डॉ. भण्डारकर ने सातवाहनवंश को ब्राह्मणोतर माना है। किन्तु नासिक अभिलेख में गौतमी पुत्र शातकर्णि को क्षत्रियों के गर्व और मान को मर्दन करने वाला ब्राह्मण कहा गया है।


अतएव उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि सातवाहन राजवंश ब्राह्मण था। 



उनका मूल स्थान कहाँ था ?

अधिकांश इतिहासकारों के अनुसार सातवाहन लोगों का आदि स्थान महाराष्ट्र था क्योंकि  उनके बहुसंख्यक लेख महाराष्ट्र में मिले हैं। इससे ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि वह पहले महाराष्ट्र में शासन करते थे और बाद में शकों द्वारा पराजित होने पर वे आंध्र आ गए। इसीलिए उन्हें आन्ध्र-सातवाहन कहा गया है

उनके मूल निवास-स्थान और उनकी जाति के विषय में इतिहासकारों में मत-भेद है।