कोरोना वायरस का परिचय
कोरोना एक संक्रामक रोग है । यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तु को छूने से, छींकने, खांसने, हाथ मिलाने से तथा कुछ हद तक जानवरों से भी इंसानों में फैलता है । विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा कोरोना को महामारी घोषित किया जा चुका है । इस महामारी को Corona Virus Disease 2019 यानी COVID-19 के नाम से जाना जाता है । कोरोना वायरस अब विकराल रूप ले चुका है । आज विश्व के लगभग 188 देशों में यह वायरस फैल चुका है । इस वायरस की वजह से अब तक कुल 13069 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 308594 लोग इससे प्रभावित हैं ।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति व उत्पत्ति के कारक
कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के हूबेई प्रान्त के वुहान शहर में हुई है । चीन का वुहान शहर दुनिया के सबसे बड़े मीट बाजारों में से एक है । वुहान में 112 किस्म के जानवरों का मांस मिलता है । एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां की सीफूड मार्किट में पड़े सड़े-गले मांस के ढेर में से इस वायरस की उत्पत्ति हुई जो वहां से निकलकर एक सांप में चला गया । फिर उस साँप को किसी व्यक्ति द्वारा खाने से उसमें प्रवेश कर गया । जिसके बाद यह संक्रमण एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता गया ।
हालांकि ऐसा माना जाता है कि चीन को इस वायरस की जानकारी पहले से ही थी लेकिन उस वक्त तक यह वायरस इंसानों में नहीं आया था । जनवरी 2019 में वुहान में स्थित इंस्टिट्यूट ऑफ वायरलॉजी नेशनल बायोसेफ्टी लैब में वहां के वैज्ञानिक कुछ वायरसों पर रिसर्च कर रहे थे । तभी वैज्ञानिकों ने अपने माइक्रोस्कोप में एक अजीब से वायरस को नोटिस किया । मेडिकल जगत में इस तरह के वायरस की पहले कोई जानकारी नहीं थी । जब इस वायरस के अनुवांशिक अनुक्रमों को गौर से देखा गया तो पाया कि यह वायरस चमगादड़ की प्रजाति से संबंधित था । यह वायरस SARS के समान ही था जिसने 2002 में चीन में महामारी ला दी थी तथा पूरी दुनिया में लगभग 800 लोगों की जानें निगल ली थी । लेकिन चीन ने भावी खतरे को नहीं पहचाना और यह बात दुनिया से छुपा ली ।
उसी साल दिसम्बर 2019 की शुरुआत में वुहान की सीफूड मार्किट के आसपास रहने वाले कई लोग बुखार से पीड़ित हो गए । जब इन लोगों के टेस्ट के लिए सेम्पल इस लैब में लाये गए तो वैज्ञानिक माइक्रोस्कोप में इस वायरस को देखकर हैरान रह गए । यह वही वायरस था जिस पर उनकी निगाह थी जो अब लैब से बाहर निकलकर इंसानों तक पहुंच चुका था । वुहान तथा उसके आसपास के इलाकों में चमगादडों की तादाद बहुत अधिक है जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा था कि इस वायरस की उत्पत्ति इन्हीं चमगादडों से हुई हो । इसके साथ चीन में चमगादडों का सूप भी पिया जाता है यह अंदेशा है कि चमगादडों का सूप पीने से यह वायरस इंसानों में आ गया हो । चीनी अधिकारियों को आने वाले वैश्विक खतरे का अंदेशा हो चुका था । लेकिन उन्होंने डॉक्टरों व वैज्ञानिकों को बदनामी व अफरा-तफरी के माहौल से बचने के लिए खामोश कर दिया ।
30 दिसम्बर 2019 को वुहान के एक हॉस्पिटल में डॉ. ली वेनलियांग के पास 7 रहस्मयी बीमारी से पीड़ित मरीज आये । डॉ. ली ने सतर्कता बरतते हुए उन्हें तुरन्त आइसोलेशन वार्ड में रखा तथा दूसरे डॉक्टरों को इसकी जानकारी दी । उन्होंने अपने मेडिकल कॉलेज के ऑनलाइन वीचैट ग्रुप एलुमनी पर यह जानकारी साझा की । इस ग्रुप पर एक व्यक्ति ने डॉ. ली से पूछा कि क्या 2002 में SARS नामक जिस भयंकर बीमारी से चीन में सैंकड़ों लोग मारे गये थे वह फिर आ गई है ।
कुछ ही घंटों में चैट की यह बातें वायरल होते ही चीन के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी हरकत में आ गये । विभाग के अधिकारियों ने डॉ. ली को फटकार लगाई तथा उसकी इस हरकत को गैर-कानूनी बताया । उस वक्त किसी ने डॉ. ली की बात को अहमियत नहीं दी । यह बीमारी न तो SARS थी और ना कोई अन्य साधारण बीमारी । यह कोरोना वायरस था जिसका प्रकोप आज पूरी दुनिया पर मंडरा रहा है ।
इस वायरस से अनजान चीन के लोग नए साल के जश्न में डूबे थे और कोरोना बड़ी तेजी से चीन में अपनी पकड़ मजबूत बनाता जा रहा था । धीरे-धीरे इस वायरस से संक्रमित लोगों की तादाद 7 से बढ़कर हजारों में होती चली गई । लेकिन चीनी सरकार फिर भी इस बात को दुनिया से छुपाने में लगा हुआ थी ।
डॉ. ली वेनलियांग पहले व्यक्ति थे जिन्होंने दुनिया को इस वायरस के बारे में सबसे पहले बताया । चीन सरकार ने डॉ. ली पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया तथा उनसे लिखित में माफी मंगवाई । हालांकि वह खुद इस संक्रमण की चपेट में आ गए तथा 7 फरवरी 2020 को उनकी मौत हो गई । जब धीरे-धीरे यह वायरस चीन से बाहर देशों में फैलने लगा तो चीनी सरकार को इस वायरस के होने की बात स्वीकार करनी पड़ी ।
कोरोना वायरस के लक्षण
हालांकि इसके लक्षणों को समझ पाना बहुत मुश्किल है । व्यक्ति में इस वायरस के लक्षण 3 से 14 दिन में सामने आते हैं ।इस वायरस के सामान्य लक्षण जुकाम,बहती नाक,सूखी खांसी,गले में खरास, बुखार, थकान, सांस लेने में तकलीफ आदि हैं । यदि आपको भी इनमें से कोई लक्षण हैं तो अपना टेस्ट जरूर करवाएं अथवा कोरोना हेल्पलाइन नंबर पर इसकी जानकारी अवश्य दें । लेकिन याद रखें इन लक्षणों का होना यह साबित नहीं करता कि आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं । बच्चों व बुजुर्गों में इस वायरस के फैलने का खतरा अधिक होता है । बुजुर्ग व ऐसे लोग जो किसी अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं जैसे-डायबिटीज, अस्थमा व हृदय संबंधी रोगों से पीड़ित हैं तो उन पर इस वायरस का खतरा ओर भी अधिक होता है ।
कोरोना के बचने के उपाय
यह बात गांठ बांध लें कि अभी तक इस वायरस की कोई दवाई या टिका उपलब्ध नहीं है । इसलिए एहतियात बरतें, लापरवाही ना करें । क्योंकि आपकी थोड़ी सी भी लापरवाही आपको व आपके परिवार को खतरे में डाल सकती है । इस वायरस को खत्म करने में भारत सरकार द्वारा घोषित जनता कर्फ्यू का पालन करें । आप भी सुरक्षित रहें तथा अपने परिवार को सुरक्षित रखें ।
- भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में ना जाएं । जहां तक संभव हो बसों व ट्रेनों में यात्रा न करें ।
- अपने हाथों को एल्कोहल वाले सेनेटाइजर, साबुन और पानी से बार-बार धोएं ।
- खांसते व छींकते समय अपने मुंह पर रुमाल व टिश्यू पेपर लगाएं ।
- अपने मुंह व नाक पर रुमाल व एन-95 मास्क पहनें ।
वर्तमान स्थिति
worldometers वेबसाइट के ताजा आंकड़ों के अनुसार अब तक दुनियाभर के 188 देशों में COVID-19 के 308594 मामले आ चुके हैं जिनमें से 13069 लोग मारे गए तथा 95829 लोग ठीक हो चुके हैं । अकेले चीन में ही 81054 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं जिसमें से 3261 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 72440 लोग स्वस्थ हो चुके हैं । चीन के बाद इस वायरस का सबसे ज्यादा कहर इटली पर पड़ा जहां 53578 लोग अब तक संक्रमित हो चुके हैं जबकि 4825 लोग मारे गए तथा 6072 लोगों को ठीक कर लिया गया है । वहीं भारत की बात करें तो यहां अब तक कुल 354 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि 6 लोगों की जान चली गई तथा 24 लोग इससे पूरी तरह निजात पा चुके हैं ।
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